
रेलवे प्रशासन का मानवीय संवेदनाओं के विरुद्ध है, कार्य:छोटे लाल खरवार
O अश्विनी वैष्णव केंद्रीय रेल मंत्री भारत सरकार दिया पत्र
O- सोनभद्र जनपद के चोपन में बस स्टैंड, रामलीला मैदान का मामला
O सब्जी मंडी और प्रीतनगर सहित कई क्षेत्रों में छोटे-मंझोले किसान / व्यापारी बंधु एवं अन्य नागरिकों को बेदखल करने संबंधित
O बाध्यकारी आदेश के निरस्तीकारण एवं रेलवे प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे हैं अतिक्रमण मुक्त अभियान को तत्काल रोकने हेतु
सोनभद्र। समाजवादी पार्टी सांसद छोटेलाल खरवार ने अश्विनी वैष्णव केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र दे कर बताया कि
उपरोक्त विषया के अंतर्गत आपको सादर अवगत कराना है कि चोपन जनपद- सोनभद्र उत्तर प्रदेश का प्रमुख रेलवे स्टेशन है और पूर्व-मध्य रेल का सबसे बड़ा जंक्शन/स्टेशन है। यहां के स्थानीय रेल प्रशासन द्वारा बगैर विधित प्रक्रिया अपनाएं अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों एवं कई वर्षों से चोपन रामलीला मैदान में फल सब्जियां खाद्य पदार्थ व अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुओं की बिक्री करने वाले स्थानीय किसानों और छोटे व्यापारी बंधुओ का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसके संबंध में निम्नलिखित विन्दुओ पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं।
रामलीला मैदान में विगत 40 वर्षों से करीब 20 गांव के स्थानीय रहवासी छोटे- मझोले किसान अपनी कृषि उपज / सब्जी एवं अन्य दैनिक उपभोग की खाद्य वस्तुओं को शाम के समय (तीन से चार घंटे के लिए) बिक्री हेतु दुकान लगाते हैं, जिससे ना तो किसी प्रकार का आवागमन या यातायात बाधितa होता है और ना ही किसी रेलकर्मी को असुविधा होती है बल्कि रेल कर्मचारियों एवं हजारों नागरिकों को सस्ते दर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध हो जाती है।
इसके पश्चात सभी दुकानदार वापस अपने घर को चले जाते हैं, जिससे रामलीला मैदान में उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई स्थाई कब्जे का प्रयास भी नहीं किया गया है, इसके बावजूद रेल प्रशासन द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के उनकी अस्थाई दुकानों/ ठेला को आरपीएफ फोर्स द्वारा बलपूर्वक हटा दिया गया है।
जिसकी वजह से स्थानीय सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों के सामने भुखमरी तथा रेलकर्मियों व हजारों स्थानीय निवासियों के समक्ष स्वास्थ्यप्रद खाद्य सामग्रियों का संकट उत्पन्न हो गया है।
रेलवे विभाग द्वारा अपनी जमीनों का सीमांकन कर बाउंड्री का निर्माण कर दिया गया है। इस बाउंड्री के विपरीत लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश की जमीन व रास्ता है, जिसके पटरियों पर छोटे दुकानदार/ व्यवसायी अपनी दुकाने/ठेला रखकर व्यवसाय कर रहे हैं तथा अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर रहे 3 हैं। चुकी रेलवे प्रशासन के अधिग्रहित जमीन में नहीं होने के बावजूद उक्त दुकानदारों को सात दिन में यह जगह खाली करने का बाध्यकारी नोटिस दे दिया गया है,
जो बिल्कुल अवैध तथा उत्पीड़ानात्मक कार्य है, जिसको रोका जाना जनहित में अत्यंत आवश्यक है।
स्थानीय रेलवे प्रशासन के अधिकारियों द्वारा रेलवे विभाग के सीमांत कश्तकारो व अन्य गरीब दुकानदारों एवं अन्य व्यवसायी प्रतिष्ठानों के मालिकों को बगैर सूचित विधिक प्रक्रिया अपनाये बिना ध्वस्थिकरण की कार्रवाई की जा रही है,
जो कानून व मानवीय संवेदनाओं के विरुद्ध है, जिससे आम जनमानस में काफी आक्रोस है. जो कभी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
वही सांसद ने कहा कि जिस स्थान पर भी रेलवे विभाग की सीमा, राज्य सरकार या काश्तकारों के जमीनों से लगी हुई है, वहां पर रेलवे विभाग के अधिकारी,
राज्य सरकार के अधिकारी एवं कागजात माल में दर्ज काश्तकारों की उपस्थिति अनिवार्य करते हुए संयुक्त सीमांकन करने एवं गांव के छोटे- मझोले किसनो, सब्जी विक्रेताओं के द्वारा उपयोग किय रहे रामलीला मैदान को स्थाई तौर पर सब्जी बेचने की अनुमति प्रदान करने हेतु संबंधित को आदेशित करने की कृपा करें ताकि आम जनमानस के साथ न्याय हो सके।
