
ठंड में गरीबों का सहारा बने राजू यादव: मानवीयता और सेवा की मिसाल
जनवरी की कड़कड़ाती सर्दी ने सोनभद्र और आसपास के इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। पिछले तीन दिनों से सूर्यदेव ने दर्शन नहीं दिए, और ठंडी हवाओं के बीच ठिठुरन ने जीवन को कठिन बना दिया है। जो लोग साधन-संपन्न हैं, वे इस ठंड में भी आराम से अपने साधनों का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन उन गरीबों के लिए, जिनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, यह मौसम जीवन संघर्ष जैसा बन गया है।
इन्हीं परिस्थितियों में, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े राजू यादव ने एक बार फिर अपनी मानवीयता और सेवा भाव का परिचय दिया। राजू यादव, जो सोनभद्र के मणी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक हैं, ने ठंड से ठिठुरते गरीबों के बीच जाकर कंबल वितरित किए। उनकी इस पहल से न केवल बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं राहत महसूस कर सके, बल्कि यह कार्य समाज में मानवीय संवेदनाओं का संदेश भी प्रसारित करता है।
###कंबल वितरण कार्यक्रम: मानवीयता का विस्तार
चतरा विकासखंड के धर्मपुरवा गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सिल्थम क्षेत्र पंचायत सदस्य शीला देवी, पूर्व पंचायत सदस्य जवाहर जायसवाल और राजकरन धागर की उपस्थिति में सिल्थम, धर्मपुरवा, और पटना गांव के जरूरतमंदों को कंबल बांटे गए।
गौरतलब है कि इसके पहले भी, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर राजू यादव ने भूसौलिया, निवारी, और डुमरिया जैसे गांवों में कंबल वितरित किए थे। राजू यादव ने यह भरोसा दिलाया कि आगे भी जहां जरूरत होगी, वहां मदद पहुंचाई जाएगी।
###सामाजिक दायित्व और सरकार की भूमिक
राजू यादव का यह कदम सिर्फ एक व्यक्ति के प्रयास का प्रतीक नहीं है, बल्कि समाज में सेवा और दायित्व का उदाहरण भी है। हमारा संविधान भी नागरिकों को “सामाजिक और आर्थिक न्याय” का अधिकार देता है। भारत के **अनुच्छेद 21** के तहत हर नागरिक को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन भी शामिल है। ठंड जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय गरीबों के लिए सहारा बनना, इस संवैधानिक मूल भावना का ही विस्तार है।
सामाजिक कल्याण की जिम्मेदारी केवल सरकार पर नहीं है। सरकार के पास **प्रधानमंत्री आवास योजना**, **मनरेगा**, और *राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)* जैसे प्रावधान हैं, जो गरीबों की मदद के लिए बनाए गए हैं। लेकिन जब तक समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपना योगदान नहीं देगा, तब तक इन प्रयासों का पूर्ण लाभ नहीं मिल सकता।
सेवा का आध्यात्मिक पहल
महात्मा गांधी ने कहा था, “आप दुनिया में बदलाव देखना चाहते हैं, तो खुद वह बदलाव बनिए।” राजू यादव की पहल यही दिखाती है कि समाज में बदलाव लाने के लिए व्यक्तिगत प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं। चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत होते हुए, उन्होंने अपने कर्तव्यों को केवल पेशे तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जरूरतमंदों की सेवा में खुद को समर्पित किया।
डॉ. अशोक यादव, जो मणी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सक हैं, ने इस बारे में कहा, “चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि परोपकार का साधन है। गरीबों की सेवा करना हमारा पहला कर्तव्य है।”
सर्दी के इस कठोर मौसम में राजू यादव का यह प्रयास समाज के अन्य सक्षम व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कार्य न केवल गरीबों को राहत प्रदान करता है, बल्कि समाज में सेवा, संवेदना, और मानवता की भावना को बढ़ावा देता है। अगर हर व्यक्ति अपने स्तर पर जरूरतमंदों की मदद करे, तो एक ऐसा समाज बनाया जा सकता है, जहां सभी के जीवन में गरिमा और राहत हो।
आइए, हम भी अपने सामाजिक दायित्वों को समझें और जरूरतमंदों की मदद के लिए कदम बढ़ाएं। क्योंकि **”जब तक हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित और गरिमामय नहीं होगा, तब तक हमारा समाज पूर्ण नहीं होगा।”**
